कला का अर्थ (Meaning of Art)
संस्कृत भाषा के शब्द कला की उत्पत्ति 'कल' व 'क' धातु से मानी जाती है जिसका अर्थ होता है प्रेरित करना व सुंदर, मधुर और सुखदायी इसी आधार पर भारतीय दर्शन के अनुसार कला सत्यम - शिवम - सुंदरम है, जिसे रविंद्र नाथ ठाकुर ने अपने शब्दों में कहा है की जो सत्य है, सुंदर है, वही कला है इसके अनुसार कला का कार्य मानव के लिए सत्य और सौंदर्य की एक सजीव सृष्टि करना है ! उपयुक्त आधार पर "कला शिल्प कौशल की प्रक्रिया द्वारा सुखदमयी एवं सुंदर सृजन है" !
कला मानवीय भाव की अभिव्यक्ति है जिसमें कल्पना की सुंदरी आत्मक कल्पना की सौंदर्यत्मक अभिव्यक्ति को व्यक्त करने के माध्यमों ( रेखाओं, रंगो, भाषा, शारीरिक भाव - भंगिमा आदि ) का कलापूर्ण प्रयोग अनिवार्य है ! वर्तमान में कला का वास्तविक अर्थ पश्चिम के Fine Art के अनुरूप है ! हिंदी में जिसके लिए 'ललित कला' शब्द का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है !
ललित कला (Fine Art)
जब भी कला की बात की जाती है तो इसमें मुख्यत: दृश्यकलाओं और मंचीय कलाओं को शामिल किया जाता है ! जिन्हें ललित कलाओं के रूप में जाना जाता है ! अंग्रेजी शब्द Fine Art का हिंदी रूपांतरण ललित कला है ! Fine Art शब्द का निर्माण फ्रेंच शब्द Beaux Arts से हुआ है ! यह शब्द सुंदर से संबंधित है अर्थात उन सभी कलाओं को ललित कलाएं कहा जा सकता है जो सुंदर को अभिव्यक्त करती है !
भारतीय दर्शन के अनुसार भगवान शिव महाशक्ति रूपा महामाया से प्रेरित होकर जगत की सृष्टि करते हैं ! शिव की लीला सहचरी होने के कारण महामाया को ललित कला कहा गया है ! इसी ललिता से ही सभी ललित कलाओं की उत्पत्ति हुई है !
गोस्वामी तुलसीदास के अनुसार "निरंजन सज्जन प्रिया एहा" अद्भुत सौंदर्य के जिस पुनरविधान से हमारी आत्मा का विकास हो, हमारा मन प्रसन्न हो, हमारी चेतना सजीव हो, वही ललित कला के नाम से जानी जाती है ! चाक्षुष प्रकार होने से उसमे रूप का निर्माण आवश्यक तत्व है !
ललित कला में सौंदर्य की प्रधानता होती है ! अर्थात यह है सौंदर्यत्मक होती है इस कला के कार्य में सुंदरता, दक्षता, सुरुचिपूर्णता एवं श्रेष्ठता समाहित होती है जो पूर्णता: कलाकार की स्वयं की अनुभूति पर आधारित होती है ! तकनीकी विकास के कारण समय-समय पर कला में विभिन्न माध्यमों का समावेश होता रहा है ! जैसे 19वी सदी में फोटोग्राफी तथा 20वी के सदी के अंतिम दशकों में कंप्यूटर तकनीक एक नए माध्यम के रूप में शामिल हुए हैं ! उपयुक्त तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि कला एक वृद्ध वृक्ष की तरह है जिसका तना कला का मूल है और उसकी शाखाएं कला के विविध स्वरूप है !
कला का वर्गीकरण (Classification of art )
चित्रकला (Painting), मूर्तिकला (Sculpture), व्यवहारिक कला (Applied Art) वास्तु कला (Architecture), संगीत (Music),नाटक (Drama), काव्य (Poetry) आदि ! की गणना ललित कलाओं में की जाती है !इसमें चित्रकला, मूर्तिकला, व्यवहारिक कला एवं वास्तु कला रूप - प्रधान है काव्य कला अर्थ प्रधान है जबकि संगीत कला
ध्वनि भाव - प्रधान है ! उपयुक्त ललित कलाओं को मुख्य दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है -
(i) दृश्य कलाएं (Visual Arts)
(ii) मंचीय कलाएं (Performing Arts)
(i) दृश्य कलाएं (Visual Arts)
(1) चित्रकला (Painting)
(2) मूर्तिकला (Sculpture)
(3) व्यवहारिक कला (Applied Art)
(4) वास्तु कला (Architecture)
(5) छापाचित्र कला (Graphics)
(6) फैशन डिजाइन (Fashion Design)
(7) टैक्सटाइल डिजाइन ( Textile Design)
(8) छायांकन (Photography)
(9) सिरेमिक (Ceramics)
(10) स्थापना कला (Installation Art)
(11) कंप्यूटर कला (Computer Art) आदि
(ii) मंचीय कलाएं (Performing Arts)
(1) संगीत (Music)
(2) काव्य कला (Poetry)
(3) नृत्य (Dance)
(4) नाटक (Drama)
(5) चलचित्र (Cinema) आदि !
0 Comments