आलेखी डिजाइन (Graphic Design)
साधारण बोल चाल में ग्राफिक डिजाइन वस्तुओं एवं सेवाओं से संबंधित डिजाइन होता है, जैसे - समाचार पत्र, पत्रिका, पोस्टर, वेबसाइट, कैलेंडर, श्योकार्ड, होर्डिंग आदि से संबंधित डिजाइन जिन्हें व्यक्ति देखता है और पढ़ता है जिनसे उसे विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं के बारे में जानकारी मिलती है यह औद्योगिक देश के समाज की संस्कृति और अर्थव्यवस्था का हिस्सा होता है !
होर्डिंग डिजाइनग्राफिक डिजाइन शब्द का संबंध दृश्य संप्रेक्षण की समस्याओं के समाधान के सृजन के लिए शब्दों एवं चित्रों के साथ कार्य करने की प्रक्रिया से है अर्थात इस शब्द का प्रयोग उस प्रक्रिया के लिए किया जाता है जिसमें शब्दों और चित्रों के साथ कार्य की करके दृश्य समस्याओं संप्रेक्षण की समस्याओं के समाधान का सृजन किया जाता है, जो व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए दिव - आयामी छवियों ( पुस्तक के पृष्ठो, विज्ञापन, ग्रीटिंग कार्ड, चिन्ह, पैकेजिंग, पोस्टरो एवं सामूहिक पहचान की छवियों ) को आकार देता है ! अर्थात ग्राफिक डिजाइन एक सृजन प्रक्रिया है जिसमें विचारों को संप्रेषित करने के लिए कला एवं प्रौद्योगिक का प्रयोग किया जाता है ! इसमें लक्षित पाठको को उत्पाद या सेवा के प्रति आकर्षित करने, सूचना देने एवं विश्वास उत्पन्न करने के लिए ग्राफिक डिजाइनर प्रतीक चिन्ह, टाइप, रंगो एवं चित्रों द्वारा विज्ञापन एवं सामूहिक पहचान के लिए दृश्य संयोजनों का सृजन करता है इसमें डिजाइनर कल्पना करता है, योजना बनाता है, और उसका क्रियान्वयन करता है ! इसमें डिजाइनर द्वारा संप्रेषण एवं सौंदर्यआत्मक गुणवत्ता दोनों को अधिकतम करने की कोशिश की जाती है ताकि विशिष्ट संदेश विशिष्ट पाठको को प्रभावी ढंग से संप्रेषित किया जा सके ! ग्राफिक डिजाइनर इसमें केवल एक ही समाधान को नहीं बल्कि बहुत से समाधानो को खोजता है क्योंकि ग्राफिक डिजाइन में कोई एक उत्तर ( समाधान ) सही नहीं होता बल्कि संभावनाओं की एक समृद्ध श्रंखला होती है !
पैकेजिंग डिजाइन
एक क्रिया के रूप में ग्राफिक डिजाइन एक योजनाबद्ध व्यवस्था है जिससे दृश्य संप्रेषण की समस्या के समाधान के लिए इच्छित सरचना या इकाई तैयार की जाती है ! अर्थात ग्राफिक डिजाइन किसी योजना के तहत की गई उद्देश्यआत्मक एवं सृजनात्मक सरचना ( संयोजना ) है, जिसमें कुछ सिद्धांतों के अनुसार ग्राफिक डिजाइन के तत्वों को क्रमबद्ध रूप से प्रदर्शित किया जाता है ! यह एक विचार को व्यक्त करने के लिए एक धरातल पर चिन्हों के चयन और उन्हें व्यवस्थित करने या बनाने की कला है ! इसमें एक चिन्ह (Sign) एक तस्वीर नहीं है, बल्कि ग्राफिक छवियां वस्तुओं के देखें गए या कल्पना किए गए विवरणात्मक चित्रों से अधिक होते हैं ! ये वे चिन्ह होते हैं जिनका संदर्भ उन्हें एक विशिष्ट अर्थ देता है और उनकी स्थिति उन्हें एक नई सार्थकता
प्रदान कर सकती है ! अर्थात ग्राफिक डिजाइन एक दृश्य आकृतियों की भाषा है जो अपने आप को अभिव्यक्त करती है !
पोस्टर डिज़ाइन
ग्राफिक डिजाइन का उद्देश्य संदेश को संप्रेषित ( Communicate)करना होता है इसलिए इसे संप्रेषण डिजाइन (Communication Design) भी कहा जाता है ! सभी प्रकार के ग्राफिक डिजाइनो की दो मुख्य विशेषताएं होती है ! प्रथम - मुद्रण तकनीक एवं प्रौद्योगिकी डिजाइन प्रक्रिया में एक निर्णायक भूमिका का निवर्हन करते हैं ! सामान्यतः ग्राहक ( जिसके पैसे से डिजाइन बनाया जा रहा है ) द्वारा इसका निर्धारण किया जाता है और डिजाइनर उसी निर्धारित मुद्रण प्रक्रिया की विशेषताओं के आधार पर डिजाइन तैयार करता है ! दूसरा - सामान्यतः डिजाइनर अपेक्षित तत्व जैसे लिखित संदेश, प्रतीक, चित्र, फोटोग्राफ आदि के साथ कार्य करता है जो कि परक्राम्य (Negotiable) नहीं होते हैं ! डिजाइन समाधान विकसित करने के लिए समस्या के क्षेत्र को समझना [ समस्या के प्राचलनो (Parameters) का निर्धारण करना ] आवश्यक होता है ! सभी समस्याएं अदृश्य पहलू होती है जिनका सामना करने के पश्चात एक ही प्रभावी डिजाइन समाधान प्राप्त किया जा सकता है ! इसके लिए सूचनाएं संकलित करना या सूचनाओं का मूल्यांकन करना एक टीम का कार्य है जिसमें डिजाइनर भी एक प्रभावी सदस्य होता है मूल्यांकन से प्राप्त तथ्यों के आधार पर एक विचार (Idea) को विकसित कर उसी आधार पर सृजन कार्य ( छवियां बनाना ) संपादित किया जाता है जिसे एक सृजनात्मक टीम (Creative Team) पूर्ण करती है !
ग्राफिक डिजाइनर (Graphic Designer) ग्राफिक डिजाइनर शब्द कला के इतिहास में निश्चित ही नया लेबल है ! प्रारम्भिक रूप में इसका प्रयोग उन लोगो के लिए किया जाता है जो व्यावसायिक उदेश्यो, विज्ञापन, एव सामूहिक छवियों से लेकर पुस्तकों के पृष्ठों तक के लिए दिव आयामी छवियों को डिजाइन करते है !
फिलिप बी मेगस (Philip B Meggs) ने अपनी पुस्तक 'History of Graphic Design' में लिखा है कि प्रागेतिहासिक काल से ही मानव ज्ञान को ग्राफ़िक रूप में संग्रहित करने, विचारो व संकल्पनाओं को दृश्य रूप देने एव सुचना की सप्ष्टता व इसे एक क्रम के रूप मे रखने के लिए अनुसन्धान करता रहा है ! इतिहास को देखे तो इन आवश्यकताओं को विभिन्न लोगो ने पूर्ण किया है जिनमे लिखने वाले ( Scriber ), मुद्रक और चित्रकार आदि शामिल रहे थे जब तक कि सन 1992 में पुस्तक डिज़ाइनर विलियम एडिसन दविंगस ने मुद्रित संप्रेषण के लिए दृश्य आकारों की एक क्रमबद्ध सरंचना के लिए 'ग्राफिक डिजाइन' को जन्म दिया जिससे एक उभरते हुए व्यवसाय को एक उचित नाम प्राप्त हुआ था 1930 के दशक में कला निर्देशको (Art Directors) ने मुख्यतः विज्ञापन एवं पत्रिका लेआउट (Layout) में ग्राफिक डिजाइनर शब्द को स्थापित किया था !
ग्राफिक डिजाइनर पॉल रेण्ड (Poul Rand) ने कहा है कि "ग्राफिक डिजाइन एक बाजीगर की तरह होता है जो दिए गए विविध घटकों को निर्धारित की गई किए गए स्थान में हस्तकौशलता के द्वारा व्यवस्थित करने में अपनी योग्यता प्रदर्शित करता है !
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